डॉक्टर सुधांशु आर्य
वसुंधरा राजे होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज एवम् हॉस्पिटल, ग्वालियर से अपनी चिकित्सा उपाधि प्राप्त करने के बाद सन 1989 में डा सुधांशु आर्य ने अपने पिताजी डा बी पी आर्य व ताऊजी डा ओ पी आर्य के सानिध्य में चिकित्सा सेवा देना आरंभ किया.
अपनी होमियोपैथिक चिकित्सा से सर्वोत्तम परिणाम पाने के लिए हमारी प्रबल सिफारिश है कि अपने होमियोपैथिक चिकित्सक का चुनाव बहुत सावधानी से करें और यहाँ दिए गये दिशा निर्देशों को ध्यान से पढ़ें और पालन करें.
होमियोपैथी बेहद अचूक, सटीक और संवेदनशील है पर यह चिकित्सक से भी उसी सटीकता की अपेक्षा करती है जो इसी क्रम में अपने रोगी द्वारा दी गयी जानकारी पर निर्भर करता है.
आपके द्वारा अपने रोग का सटीक और स्पष्ट विवरण आपके चिकित्सक के लिए अत्यंत सहायक है. पर जहाँ एक ओर आपको चिकित्सक द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन करना आवश्यक है वहीं दूसरी ओर आपके चिकित्सक का संवेदनशील और सचेत होना अनिवार्य है. इसलिए आपके चिकित्सक में मानवीय गुणों का भरपूर होना भी उतना ही महत्वपूर्ण है.
इसलिए अपना चिकित्सक इस प्रकार सावधानी और सतर्कता के साथ चुने कि जो आपकी बात को पूरे धैर्य और सजगता के साथ सुने और आपके विवरण को सही परिपेक्ष में रखते हुए आपके लिए सटीक औषधि और उपचार की व्यवस्था कर सके.
होमियोपैथी और होमियोपैथ दो अलग-अलग चीज़ें हैं. किसी एक होमियोपैथ की असफलता को होमियोपैथी की असफलता नहीं कहा जा सकता. असफलता की स्थिति में होमियोपैथी को व्यर्थ बुरा न कहें वरन किसी अच्छे और स्थापित होमियोपैथ को दिखा कर फिर से होमियोपैथिक चिकित्सा आरंभ करें.
वसुंधरा राजे होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज एवम् हॉस्पिटल, ग्वालियर से अपनी चिकित्सा उपाधि प्राप्त करने के बाद सन 1989 में डा सुधांशु आर्य ने अपने पिताजी डा बी पी आर्य व ताऊजी डा ओ पी आर्य के सानिध्य में चिकित्सा सेवा देना आरंभ किया.